ब्राह्मण उत्पीड़न के विरुद्ध खड़ी हुई राष्ट्रीय सवर्ण परिषद, प्रशासन के हाथ पांव फूले



अलीगढ़/इटावा, 2–3 जुलाई (संवाददाता):

इटावा जनपद के दादरपुर गांव में एक ब्राह्मण परिवार के साथ हुई कथित अन्यायपूर्ण घटना के विरोध में राष्ट्रीय सवर्ण परिषद (RSP) ने शांति और न्याय की आवाज बुलंद की है। परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए इटावा कूच की तैयारी में थे, लेकिन प्रशासन ने देर रात भारी दबाव और सख्ती के साथ उनकी गतिविधियों पर रोक लगा दी।




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समाज के साथ खड़े रहने की पहल, प्रशासन ने रोका


RSP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. पंकज धवरैय्या ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह पीड़ित ब्राह्मण परिवार से मिलकर उन्हें सुरक्षा और न्याय का आश्वासन देंगे। उन्होंने दो जुलाई को इटावा पहुँचने की घोषणा की थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें आगरा रोड स्थित उनके आवास पर हाउस-अरेस्ट कर लिया।


पंकज धवरैय्या ने कहा, “हमारा प्रयास केवल पीड़ित परिवार को यह संदेश देना था कि वे अकेले नहीं हैं। प्रशासन ने सुरक्षा का भरोसा दिया है, इसलिए हमने यात्रा स्थगित की है, लेकिन यदि ज़रूरत पड़ी तो फिर से तिथि निर्धारित कर समाज के हित में वहाँ ज़रूर जाएँगे।”






अलीगढ़ में भी दबाव, देर रात कई पदाधिकारी नजरबंद


इसी क्रम में अलीगढ़ जिले के RSP जिलाध्यक्ष पवन ठाकुर और उनकी टीम भी इटावा जाने के लिए तैयार थे, परंतु प्रशासन ने अर्धरात्रि में ही उन्हें नजरबंद कर लिया।

पवन ठाकुर ने कहा, “हम प्रशासन का सम्मान करते हैं, लेकिन यदि किसी सवर्ण या निर्दोष ब्राह्मण के साथ अन्याय होता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम शांतिपूर्ण तरीके से समाज के हक़ की बात कर रहे हैं, इसे दबाया नहीं जा सकता।”






RSP ने संयम दिखाया, समाज को दिया आश्वासन


RSP ने एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए शांति और कानून-व्यवस्था को सर्वोपरि रखा। संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों ने प्रशासनिक आग्रह के बाद अपने इटावा दौरे को अस्थायी रूप से टाल दिया है। फिर भी परिषद ने स्पष्ट किया है कि अगर समाज को उनकी ज़रूरत पड़ी तो वे दोबारा एक तय तिथि पर वहां उपस्थित होंगे।


नजरबंद पदाधिकारी:

– पं. पंकज धवरैय्या (राष्ट्रीय अध्यक्ष)

– आचार्य भरत तिवारी (राष्ट्रीय संगठन मंत्री)

– मनीष लवानिया (मुख्य कार्यालय प्रभारी)

– वेदप्रकाश शर्मा (राष्ट्रीय महासचिव)

– पवन ठाकुर (जिलाध्यक्ष, हरिगढ़)

– विकास ठाकुर (युवा जिलाध्यक्ष)

– आचार्य दीवानचंद भारद्वाज (वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष)






प्रशासन से मिली आश्वासन, लेकिन स्थिति पर नजर


RSP का कहना है कि प्रशासन ने यह भरोसा दिया है कि किसी भी ब्राह्मण, सवर्ण या निर्दोष नागरिक के साथ कोई उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। परिषद ने कहा कि वह प्रशासन के आश्वासन का सम्मान करती है, लेकिन ज़मीन पर सच्चाई को परखना और ज़रूरतमंदों के साथ खड़ा रहना उनकी सामाजिक ज़िम्मेदारी है।




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निष्कर्षतः, राष्ट्रीय सवर्ण परिषद ने इस घटनाक्रम में गंभीरता, संयम और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का परिचय दिया है। भले ही प्रशासन ने पदाधिकारियों को रोकने का प्रयास किया हो, लेकिन परिषद की आवाज़ और संकल्प दोनों स्पष्ट हैं — जहाँ अन्याय होगा, वहाँ सवर्ण समाज चुप नहीं रहेगा।






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